हल्दी की खेती के दौरान किन बातों का रखें ध्यान
भूमि की तैयारी
अच्छी जल निकासी वाली भूमि चुनें और जुताई व समतलकरण अच्छे से करें।
उन्नत किस्मों का चयन
जलवायु के अनुसार उन्नत और रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
बीज चयन और उपचार
स्वस्थ कंदों का चयन करें और ट्राइकोडर्मा या कवकनाशी से उनका उपचार करें।
सिंचाई प्रबंधन
नियमित सिंचाई करें और मृदा नमी बनाए रखने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें।
खाद और उर्वरक
जैविक खाद जैसे गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट का प्रयोग करें और जरूरत अनुसार NPK उर्वरक डालें।
निराई-गुड़ाई और मल्चिंग
समय-समय पर खरपतवार हटाएँ और मल्चिंग से मृदा नमी बनाए रखें।
रोग और कीट प्रबंधन
जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें और समय पर रोग व कीटों की पहचान कर उनका उपचार करें।
कटाई और भंडारण
पत्तियों के सूखने पर कटाई करें और हल्दी को अच्छी तरह सुखाकर संग्रहित करें।
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